पूजा-पाठ करते समय फूल चढ़ाना जरूरी होता है। बिना फूल के पूजा करना सही नहीं होता है। आइए जानते हैं कि पूजा के लिए फूल को कब तोड़ना चाहिए।
देवी-देवताओं की पूजा करते समय फूल का विशेष महत्व होता है। अलग-अलग देवी-देवताओं के अलग-अलग फूल चढ़ाया जाता है।
पूजा के समय भगवान का आशीर्वाद पाने के लिए फूल अर्पित करना चाहिए। शास्त्रों में फूल तोड़ने के लिए भी समय बताए गए हैं।
शास्त्रों के अनुसार, सुबह स्नान करने से पहले फूलों को तोड़ लेना चाहिए। ऐसा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है और जीवव में खुशहाली आती है।
सुबह 6 बजे के बाद या सूर्योदय के बाद फूल को तोड़ लेना चाहिए। कभी भी स्नान करने के बाद फूल नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करना अशुभ माना जाता है।
वायु पुराण में बताया गया है कि फूलों को तोड़ने के बाद धोना नहीं चाहिए। फूलों को बिना धोए चढ़ाने से भगवान प्रसन्न होते हैं।
कभी भी गलती से सूर्यास्त के बाद फूल नहीं तोड़ना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में परेशानी आने लगती है और परिवार की तरक्की भी रुक जाती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, फूलों की खूशबू से घर का वातावरण शुद्ध हो जाता है। घर में फूल चढ़ाने से सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
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