सनातन धर्म में एकादशी का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कि वरूथिनी एकादशी पर किस स्तोत्र का पाठ करने से इच्छा पूरी होती है?
पंचांग के अनुसार, 24 अप्रैल 2025 को वरूथिनी एकादशी मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
पंचांग के अनुसार, वरूथिनी एकादशी की शुरुआत 23 अप्रैल को शाम 04 बजकर 43 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 24 अप्रैल को दोपहर 02 बजकर 32 मिनट पर होगा।
वरूथिनी एकादशी पर पूजा करते समय तुलसी माता स्तोत्र का पाठ का पाठ करें। इससे साधक की मनोकामनाएं पूरी होने लगती हैं।
वरूथिनी एकादशी पर पूजा करते समय शंख में जल भरकर उसमें तुलसी के पत्ते डालकर विष्णु जी का अभिषेक करें। इससे मनचाहा वर मिलता है।
एकादशी के दिन पूजा के दौरान गाय के घी का दीपक जलाएं। इससे घर में मां लक्ष्मी आगमन होता है और धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
वरूथिनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करते समय ऊं नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। इससे साधक के जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं।
वरूथिनी एकादशी पर तुलसी माता स्तोत्र का पाठ करने से साधक की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही, आर्थिक स्थिति भी बेहतर होती है।
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