अगर हम पौष पुत्रदा एकादशी की बात करें, तो हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। पौष पुत्रदा एकादशी पर तुलसी की पूजा भी की जाती है।
आज हम आपको एक ऐसी चालीसा के बारे में बताएंगे, जिसका पाठ अगर आप पौष पुत्रदा एकादशी के दिन करते हैं, तो इससे आपकी दिन-रात तरक्की हो सकती है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
हम आपको तुलसी चालीसा के बारे में बता रहे हैं। पौष पुत्रदा एकादशी पर तुलसी चालीसा का पाठ करने से आपकी तरक्की होने के साथ-साथ आपके घर में खुशहाली और समृद्धि आ सकती है।
श्री तुलसी महारानी, करूं विनय सिरनाय। जो मम हो संकट विकट, दीजै मात नशाय।। नमो नमो तुलसी महारानी, महिमा अमित न जाय बखानी। दियो विष्णु तुमको सनमाना, जग में छायो सुयश महाना।।
विष्णुप्रिया जय जयतिभवानि, तिहूँ लोक की हो सुखखानी। भगवत पूजा कर जो कोई, बिना तुम्हारे सफल न होई।। जिन घर तव नहिं होय निवासा, उस पर करहिं विष्णु नहिं बासा।
करे सदा जो तव नित सुमिरन, तेहिके काज होय सब पूरन।। कातिक मास महात्म तुम्हारा, ताको जानत सब संसारा। तव पूजन जो करैं कुंवारी, पावै सुन्दर वर सुकुमारी।। कर जो पूजन नितप्रति नारी, सुख सम्पत्ति से होय सुखारी।
वृद्धा नारी करै जो पूजन, मिले भक्ति होवै पुलकित मन।। श्रद्धा से पूजै जो कोई, भवनिधि से तर जावै सोई। कथा भागवत यज्ञ करावै, तुम बिन नहीं सफलता पावै।।
छायो तब प्रताप जगभारी, ध्यावत तुमहिं सकल चितधारी। तुम्हीं मात यंत्रन तंत्रन, सकल काज सिधि होवै क्षण में।। औषधि रूप आप हो माता, सब जग में तव यश विख्याता, देव रिषी मुनि औ तपधारी, करत सदा तव जय जयकारी।।
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com