हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार, आज यानी 21 सितंबर को सर्व पितृ अमावस्या है। जानकारी के लिए बता दें, कि इस दिन पितृ पक्ष का समापन होता है। इस दौरान पितरों का तर्पण किया जाता है।
आज हम आपको ऐसे स्तोत्र के बारे में बताएंगे, जिसका पाठ पितरों के तर्पण के दौरान करने से आपके जीवन में खुशियां आ सकती है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
हम आपको शिव सहस्त्रनाम स्तोत्र के पाठ के बारे में बता रहे हैं। पितरों के तर्पण करते समय इसका पाठ करने से जीवन में खुशियां आने के साथ-साथ तरक्की हो सकती है।
शान्तं पद्मासनस्थं शशिधरमुकुटं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रं, शूलं वज्रं च खड्गं परशुमभयदं दक्षभागे वहन्तम् । नागं पाशं च घण्टां प्रलयहुतवहं साङ्कुशं वामभागे, नानालङ्कारयुक्तं स्फटिकमणिनिभं पार्वतीशं नमामि ॥
ओं स्थिरः स्थाणुः प्रभुर्भीमः प्रवरो वरदो वरः । सर्वात्मा सर्वविख्यातः सर्वः सर्वकरो भवः ॥ जटी चर्मी शिखण्डी च सर्वाङ्गः सर्वभावनः । हरश्च हरिणाक्षश्च सर्वभूतहरः प्रभुः ॥
प्रवृत्तिश्च निवृत्तिश्च नियतः शाश्वतो ध्रुवः । श्मशानवासी भगवान् खचरो गोचरोऽर्दनः ॥ अभिवाद्यो महाकर्मा तपस्वी भूतभावनः । उन्मत्तवेषप्रच्छन्नः सर्वलोकप्रजापतिः ॥
महारूपो महाकायो वृषरूपो महायशाः । महात्मा सर्वभूतात्मा विश्वरूपो महाहनुः ॥ लोकपालोऽन्तर्हितात्मा प्रसादो हयगर्दभिः । पवित्रं च महांश्चैव नियमो नियमाश्रितः ॥
सर्वकर्मा स्वयम्भूत आदिरादिकरो निधिः । सहस्राक्षो विशालाक्षः सोमो नक्षत्रसाधकः ॥ चन्द्रः सूर्यः शनिः केतुर्ग्रहो ग्रहपतिर्वरः । अत्रिरत्र्या नमस्कर्ता मृगबाणार्पणोऽनघः ॥
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com