शनि देव को प्रसन्न करने के लिए करें इस कवच का पाठ


By Farhan Khan11, Jan 2025 11:40 AMjagran.com

शनि देव का कौन सा दिन होता है?

सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होते हैं। शनिवार का दिन शनि देव के लिए होता है। शनि भगवान न्याय के देवता हैं।

शनिदेव की पूजा करने के लाभ

शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करने से जातक को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। वहीं, शनि देव भी प्रसन्न होते हैं। आपको भी शनि देव की पूजा करनी चाहिए।

खुशहाली के लिए करें शनि कवच का पाठ

आज हम आपको बताएंगे कि अगर आप शनिवार के दिन शनि कवच का पाठ करते हैं, तो इससे आपका जीवन खुशहाल बीतेगा। इसके अलावा शनि देव आपके ऊपर अपनी कृपा बरसाएंगे। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

शनि कवच का पाठ करने के लाभ

अस्य श्री शनैश्चरकवचस्तोत्रमंत्रस्य कश्यप ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, शनैश्चरो देवता, शीं शक्तिः, शूं कीलकम्, शनैश्चरप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः नीलाम्बरो नीलवपु: किरीटी गृध्रस्थितत्रासकरो धनुष्मान्। चतुर्भुज: सूर्यसुत: प्रसन्न: सदा मम स्याद्वरद: प्रशान्त:।।

शनि देव का प्रिय मंत्र कौन सा है?

श्रृणुध्वमृषय: सर्वे शनिपीडाहरं महंत्। कवचं शनिराजस्य सौरेरिदमनुत्तमम्।। कवचं देवतावासं वज्रपंजरसंज्ञकम्। शनैश्चरप्रीतिकरं सर्वसौभाग्यदायकम्।।

शनिदेव कैसे होते हैं प्रसन्न?

ऊँ श्रीशनैश्चर: पातु भालं मे सूर्यनंदन:। नेत्रे छायात्मज: पातु कर्णो यमानुज:।। नासां वैवस्वत: पातु मुखं मे भास्कर: सदा। स्निग्धकण्ठश्च मे कण्ठ भुजौ पातु महाभुज:।।

शनि कवच का पाठ कैसे करें?

स्कन्धौ पातु शनिश्चैव करौ पातु शुभप्रद:। वक्ष: पातु यमभ्राता कुक्षिं पात्वसितस्थता।। नाभिं गृहपति: पातु मन्द: पातु कटिं तथा। ऊरू ममाSन्तक: पातु यमो जानुयुगं तथा।।

मन की मुराद के लिए शनि कवच का पाठ

पदौ मन्दगति: पातु सर्वांग पातु पिप्पल:। अंगोपांगानि सर्वाणि रक्षेन् मे सूर्यनन्दन:।। इत्येतत् कवचं दिव्यं पठेत् सूर्यसुतस्य य:। न तस्य जायते पीडा प्रीतो भवन्ति सूर्यज:।।

खुशियों के लिए शनि कवच का पाठ

व्ययजन्मद्वितीयस्थो मृत्युस्थानगतोSपि वा। कलत्रस्थो गतोवाSपि सुप्रीतस्तु सदा शनि:।। अष्टमस्थे सूर्यसुते व्यये जन्मद्वितीयगे। कवचं पठते नित्यं न पीडा जायते क्वचित्।। इत्येतत् कवचं दिव्यं सौरेर्यन्निर्मितं पुरा। जन्मलग्नस्थितान्दोषान् सर्वान्नाशयते प्रभु:।।

आपको भी कष्ट मुक्त जीवन के लिए शनि कवच का पाठ जरूर करना चाहिए। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com