शनिवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन छाया पुत्र और भगवान हनुमान की पूजा का विधान है। शनिवार को विधिपूर्वक पूजा और व्रत रखने से जीवन में खुशियां बनी रहती है।
इसके लिए सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। फिर लाल या नीले रंग के कपड़े धारण करें। फिर बजरंगबली को सिंदूर अर्पित करें और चमेली के तेल का दीपक जलाएं।
आज हम आपको बजरंग बाण के बारे में बताएंगे, जिसका पाठ करने से आपके जीवन में कभी निराशा नहीं होगी। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥
जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै॥
जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका॥
जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा॥ बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा॥
अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा॥ लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई॥
आप भी शनिवार के दिन बजरंग बाण का पाठ कर सकते हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com