ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 5 फरवरी को रविवार और पुष्य योग के संयोग से रवि पुष्य योग बन रहा है।
इस योग को सर्वार्थ सिद्धि योग भी कहा जाता है, ऐसे में इस दिन देवी-देवता की पूजा करने के साथ-साथ नया कार्य शुरु करना भी लाभकारी सिद्ध होगा।
रविवार, 5 फरवरी के दिन माघ पूर्णिमा भी पड़ रही है। ऐसे में इसका महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, रवि पुष्य योग 5 फरवरी को सुबह 7 बजकर 7 मिनट से शुरू हो रहा है, जो दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर समाप्त हो जाएगा।
रवि पुष्य योग को 27 नक्षत्रों में से एक माना जाता है। इसलिए इस दिन शुभ काम करना शुभ माना जाता है।
रवि पुष्य योग पर सोना-चांदी के आभूषण, वाहन, प्रॉपर्टी, कपड़ा, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक चीजें आदि को खरीदना शुभ माना जाता है।
शास्त्रों के अनुसार, रवि पुष्य नक्षत्र को अमरेज्य माना जाता है। यानी वह नक्षत्र जो जीवन में स्थिरता और अमरता लाता है। रवि पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि है।