ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह न्याय और कर्मफल के देवता माने जाते हैं। शनि की दशा, चाहे वो साढ़ेसाती हो या ढैय्या, व्यक्ति के जीवन में बड़े बदलाव लेकर आती है।
शनि की ढैय्या ढाई साल की अवधि होती है, जिसके दौरान शनि किसी राशि से गोचर करते हुए चौथी या आठवीं राशि पर स्थित होते हैं।
इस दौरान व्यक्ति को मानसिक तनाव, आर्थिक परेशानियां, स्वास्थ्य समस्याएं और करियर में बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
आज हम आपको शनि की ढैय्या से मुक्ति पाने के उपाय बताएंगे। इन उपायों को आपको आजमाना चाहिए। ताकि आपको राहत मिल सकें। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
शनि की ढैय्या से मुक्ति के लिए आपको शनि देव की नियमित रूप से पूजा-अर्चना करें। शनिवार के दिन विशेष रूप से शनि मंदिर जाएं और उन्हें नीले फूल अर्पित करें।
नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से शनि की ढैय्या के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और साहस व शक्ति मिलती है। आपको भी करना चाहिए।
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष की जड़ में जल चढ़ाएं और सात बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। आपको शनि की ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।
जरूरतमंदों को दान करके शनि देव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। काले तिल, उड़द की दाल, लोहा, तेल और काले वस्त्रों आदि का दान करें।
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com