हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इन दिन स्नान दान के साथ पितरों का तर्पण करना शुभ माना जाता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवती अमावस्या के दिन कुछ उपायों की मदद से पितृ दोष और काल सर्प जैसी समस्याएं दूर हो जाते हैं।
पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए सोमवती अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष के नीचे दीप प्रजवलित करें और 'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र' का जाप करें।
पीपल के पेड़ के नीचे देवी-देवताओं का वास होता है, इसलिए ऐसा करने से कई प्रकार के कष्टों से छुटकारा मिलता है।
पितृ दोष के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए सोमवती अमावस्या पर दक्षिण दिशा में केसर मिली हुआ खीर रख दें।
पितरों को प्रणाम कर उनसे अनजाने में हुई गलती के लिए क्षमा मांगे। इस उपाय से पितृ दोष दूर हो सकते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन जातकों की कुंडली में काल सर्प दोष होता है, उन्हें सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।
यदि संभव हो तो इस दिन रुद्राभिषेक करें। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और काल सर्प दोष के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।