पहले के समय में ऋषि-मुनि भी मंत्रों का जाप करते थे और इस तरह से वे स्वस्थ रहते थे। आज भी मंत्रों के जाप में उतनी ही शक्ति है।
शास्त्रों में भी कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में बताया गया है, जिसके नियमित जाप से न सिर्फ रोगों से निजात पाया जा सकता है बल्कि व्यक्ति स्वस्थ और दीर्घायु होता है।
अगर आप सुबह में इन मंत्रों का उच्चारण करते हैं तो आपकी सेहत में दोगुना इजाफा हो सकता है।
स्वास्थ लाभ के लिए दुर्गासप्तशती के इस मंत्र का 108 बार नियमित रूप से जाप करें और मां दर्गा से अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें।
देहि सौभाग्यमारोग्यं, देहि मे परमं सुखं। रूपं देहि, जयं देहि, यशो देहि, द्विषो जहि।
ऋग्वेद में बताए इस मंत्र के जाप से हृदय रोग की समस्या से राहत मिलती है। सूर्य के समक्ष इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
क्क घन्नघ मित्रामहः आरोहन्नुत्तरां दिवम्। हृद्रोग मम् सूर्य हरि मांण् च नाश्यं का जप करें।
अगर कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी से जूझ रहा है तो उसे गायत्री मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। इससे मानसिक शांति भी मिलती है।
ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।