सावन का महीना शिव भक्तों के लिए बेहद खास माना जाता है। इस दौरान शिव भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए हर संभव जतन करते हैं।
सावन माह में कुछ खास चीजें भोलेनाथ को अर्पित करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण होती है। इस महीने में शिवलिंग का जलाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि किया जाता है।
इसके अलावा शिवजी की प्रिय चीजें जैसे धतूरा, आंकड़े का फूल आदि भी शिवलिंग पर चढ़ाने का विधान है।
बेलपत्र शिवजी को बेहद प्रिय है। एक बेलपत्र भी शिवलिंग पर चढ़ाने से वे जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
मान्यता है कि बेलपत्र चढ़ाते समय की गई जरा सी गलती भोलेनाथ को रुष्ट कर सकती है। आइए इन नियमों के बारे में जानें।
बेलपत्र को कभी भी सोमवार, चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी या अमावस्या के दिन भूलकर भी नहीं तोड़ना चाहिए।
शास्त्रों के अनुसार बेलपत्र को कभी भी टहनी के साथ नहीं तोड़ना चाहिए। हमेशा तीन पत्तियों की डंठल को तोड़कर ही शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए़।
बेलपत्र कभी भी बासी नहीं होता। इसलिए अगर किसी के पास बेलपत्र नहीं है तो किसी दूसरे के चढ़ाए हुए बेलपत्र को भी धोकर चढ़ाया जा सकता है।
शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बेलपत्र कभी भी कटा या फटा न हों।