सनातन धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व होता है। इस दौरान स्नान-दान करना शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन कौन से उपाय करने चाहिए?
माघ मास की अमावस्या तिथि 09 फरवरी को सुबह 08 बजकर 02 मिनट से शुरू हो रही है। इस तिथि का समापन 10 फरवरी को प्रात: 04 बजकर 28 मिनट पर होगा।
इस दिन स्नान करने से सारे पाप दूर होने लगते हैं। स्नान के लिए शुभ मुहूर्त प्रात: 05 बजकर 21 मिनट से शुरू होगा। इस दौरान कुछ उपाय भी करने से चाहिए।
मौनी अमावस्या के दिन स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। अगर आप गंगा में स्नान नहीं कर पाते हैं तो पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें। इससे दरिद्रता दूर होने लगती है।
इस दौरान चावल को केसर से रंगकर दक्षिम मुखी शंख में डाल दें। इसके बाद घी का दीपक जलाकर कमल गट्टे की माला से ‘श्री’ मंत्र का 11 बार जाप करें। इससे धन-धान्य की वृद्धि होती है।
मौनी अमावस्या के दिन चांदी के नाग-नागिन की पूजा करे सफेद फूल के साथ बहते जल में प्रवाहित कर देना चाहिए। ऐसा करने से काल सर्प और चंद्र जैसे दोष दूर होने लगते हैं।
जीवन में किसी भी काम में सफलता तभी मिल सकती है जब पितर प्रसन्न रहते हैं। मौनी अमावस्या के दिन पितरों के नाम से तर्पण, पिंडदान और ब्राह्मणों भोज कराना चाहिए। इससे पितर प्रसन्न होने लगते हैं।
मौनी अमावस्या के दिन तमासिक भोजन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा अल्कोहल से भी परहेज करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
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