महाभारत एक ऐसा ग्रंथ हैं, जो मनुष्य को सिखाता है कि जीवन में कौन-सी गलतियां नहीं करनी चाहिए।
महाभारत काल के प्रमुख पात्रों में से एक कर्ण की श्रेष्ठता को भगवान परशुराम ने भी स्वीकार किया।
कर्ण को दानवीर कर्ण के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में आज हम आपको कर्ण से जुड़ी कुछ रोचक बातें बताएंगे, जिन्हें कम ही लोग जानते होंगे।
कर्ण का विवाह एक नहीं बल्कि दो पत्नियां से हुआ था। कर्ण की पहली पत्नी का नाम वृषाली था और दूसरी पत्नी का नाम सुप्रिया। दोनों पत्नियों से कर्ण की नौ संतानें हुईं।
एक बार भगवान कृष्ण ने कर्ण की दानशीलता की परीक्षा लेनी चाही। तब उन्होंने कर्ण के अंतिम समय में उससे सोने का दान मांगा।
तब कर्ण के पास केवल सोने के दांत ही थे, तो उसने अपने सोने के दांत तोड़कर भगवान कृष्ण को अर्पण कर दिए।
इस दानवीरता से प्रसन्न होकर भगवान कृष्ण ने कर्ण को वरदान मांगने को कहा। तब कर्ण ने वरदान मांगा कि मेरे वर्ग में जन्मे लोगों का कल्याण हो।
दूसरे वरदान रूप में भगवान कृष्ण को अपने राज्य में जन्म लेने को कहा और तीसरा वरदान यह मांगा कि मेरा अंतिम संस्कार ऐसा कोई व्यक्ति करें, जो पाप मुक्त हो।
भगवान कृष्ण ने कर्ण के सभी वचन मानते हुए स्वयं उसका अंतिम संस्कार किया। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com