हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार अब हमारे बीच नहीं हैं। उनका जाना बॉलीवुड के लिए एक बहुत ही बड़ी क्षति है। वह न सिर्फ एक बेहतरीन एक्टर थे, बल्कि एक अच्छे स्क्रीनराइटर, निर्देशक और लिरिसिस्ट भी थें।
मनोज कुमार ने साल 1957 में अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की। उन्होंने अपने फिल्मी करियर में कम लेकिन यादगार फिल्में दी हैं।
दिग्गज अभिनेता का बॉलीवुड करियर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है। हालांकि, जब वह खुद फिल्मों में अपना बड़ा नाम कमाने के लिए मेहनत कर रहे थे, तब उनकी मुलाकात धर्मेंद्र से हुई थी।
बता दें कि मनोज कुमार और धर्मेंद्र की इस मुलाकात के बाद दोनों के बीच दोस्ती गहरी हो गई। इतना ही नहीं, दोनों ने मिलकर बहुत अच्छा और बुरा समय देखा।
मनोज कुमार ने करियर की शुरुआत में इंडस्ट्री में अपने राइटिंग टैलेंट के दम पर कैसे भी अपने खर्चा-पानी निकाल लेते थे। हालांकि, उस समय धर्मेंद्र के पास कोई भी रोल नहीं हुआ करता था, जो उन्हें भूख-प्यास से बचा सके।
धर्मेंद्र अपने करियर में काफी संघर्ष कर रहे थे, लेकिन उन्हें उस वक्त कुछ सफलता नहीं मिली। इसलिए उन्होंने अपना मन बना लिया कि वह अपना सामान पैक करके वापस लौट जाएंगे।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, धर्मेंद्र सफल न होने के कारण पंजाब जाने के लिए ट्रेन में बैठ चुके थे, लेकिन मनोज कुमार को जब यह बात पता चली, तब वह तुरंत अपने दोस्त को रोकने के लिए स्टेशन पहुंच गए।
बता दें कि मनोज कुमार जल्दबाजी में स्टेशन पहुंचकर धर्मेंद्र को समझाया कि वह हिम्मत रखे, वक्त जरूर बदलेगा। इस सीख के बाद धर्मेंद्र ने सोच-समझकर रुकने का फैसला लिया।
हालांकि, इतना सब होने के बाद धर्मेंद्र ने फिल्मों में अपने किस्मत दोबारा दोहराई और कुछ समय बाद धर्मेंद्र की किस्मत पलट गई और उन्हें फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे मिली। यह फिल्म काफी सुपरहिट रही और एक्टर ने इंडस्ट्री में अपनी खास जगह बना ली।
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