महाभारत में अर्जुन को क्यों मिले अलग-अलग नाम? जानें


By Farhan Khan24, Dec 2024 04:36 PMjagran.com

महाभारत का युद्ध

महाभारत का युद्ध इतिहास का सबसे भीषण युद्ध रहा है। आज हम आपको बताएंगे कि महाभारत में अर्जुन को क्यों अलग-अलग नाम मिले? आइए इसके बारे में जानें।

पार्थ नाम

अर्जुन को महाभारत में सबसे पहले पार्थ नाम मिला। अर्जुन को पार्थ नाम अपनी माता कुंती के कारण मिला।

शाब्दिक अर्थ पृथा का पुत्र

कुंती को पृथा नाम से भी जाना जाता है। इसी वजह से अर्जुन को पार्थ कहा जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ पृथा का पुत्र है।    

पाण्डु पुत्र

अर्जुन व उनके अन्य भाइयों को पाण्डु पुत्र के नाम से भी जाना जाता है, क्योंकि पांडव, पाण्डु की संतान थे।

धनंजय नाम

अर्जुन को धनंजय के नाम से भी जाना जाता है। उनको यह नाम इसलिए दिया गया क्योंकि वह अपने बल पर कई देशों को जीतकर धन लाए थे।

अर्जुन ने निभाई अहम भूमिका  

अर्जुन को धनंजय नाम इस कारण की वजह से दिया गया। महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने अहम भूमिका निभाई।  

चौसर का खेल

चौसर के खेल में हारने के बाद पांडवों और द्रौपदी को 13 साल का वनवास और 1 साल का अज्ञातवास बिताना पड़ा था। इसमें अर्जुन भी शामिल थे।  

बृहन्नला  नाम

इस दौरान राजकुमार अर्जुन ने विराट नगर में एक नृत्य शिक्षक का वेश धारण किया। इस वेश में उन्हें बृहन्नला के नाम से जाना गया।

इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com