माहे रमजान के पाक महीने की शुरुआत हो चुकी है। इस्लाम में रोजा रखने के नियम के बारे में बताया गया है।
इसके अनुसार कुछ लोगों का रोजा रखना वाजिब होता है। वहीं यह भी बताया गया है कि किन लोगों को रोजा नहीं रखने पर गुनहगार माना गया है।
बालिग मुसलमानों पर रमजान के 30 रोजे फर्ज किए गए हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्हें रोजा न रखने की छूट होती है।
कुरान और हदीस में कहा गया है कि, हर बालिग मर्द और औरत पर रमजान का रोजा रखने का फर्ज है।
ऐसे लोग जो बालिग और शारीरिक रूप से स्वस्थ होते हुए भी रोजा नहीं रखते, ऐसे लोग गुनहगार होते हैं और इन्हें जहन्नुम नसीब होती है।
वहीं जो लोग बीमार हैं, बहुत वृद्ध हैं, शरीर में रोजा रखने की क्षमता नहीं है, मानसिक रूप से बीमार हैं, बहुत छोटे बच्चे, गर्भवती महिलाओं को रोजा न रखने की छूट होती है।
मासिक धर्म के दौरान भी महिलाओं को रोजा न रखने की छूट होती है। लेकिन मासिक धर्म में जितने दिनों का रोजा छूट जाता है, उतने ही रोजे बाद में रखकर इसे पूरा किया जाता है।
कोई व्यक्ति अगर यात्रा में है और उसे रोजा रखने में परेशानी हो तो ऐसे में सफर खत्म होते ही रोजा रखने की बात कही गई है, वरना वह गुनहगार होगा।
ऐसे में इस बात का खासतौर से ख्याल रखें कि भूलकर भी रोजा न छोड़े। जब तक कोई गंभीर बीमारी न हो। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com