विनाशकारी चक्रवातों के भी अजब-गजब नाम होते हैं, चौंकिए मत कटरीना, बुलबुल, लिसा, पॉलिन, लैरी, हुदहुद, निसारगा, अम्फान और निवार जैसे नाम चक्रवातों के नाम हैं।
तूफानों के नामकरण की परंपरा अमेरिका में 1950 के दशक में शुरू हुई, जिसके पहले कहा जाता है कि नाविकों ने तूफानों का नाम अपनी प्रेमिकाओं के नाम पर रखते थे।
भारत और उसके पड़ोसी देशों में चक्रवातों के नामकरण की प्रथा वर्ष 2000 के बाद शुरू हुई।
भारत सहित 13 देश क्रमिक रूप से चक्रवात का नामकरण करते हैं।
25 वर्षों के लिए बनी इस सूची को बनाते समय यह माना जाता है कि कि हर साल कम से कम पांच चक्रवात आएंगे, जिसके आधार पर सूची में नामों की संख्या तय की जाती है।
तूफान का नाम उसकी गति पर निर्भर करता है, उसी तूफान का नामकरण होता है, जिसकी गति कम से कम 63 किलोमीटर प्रति घंटा हो।
चक्रवातों का नाम लोगों को आसानी से पहचानने में मदद करने के लिए रखा गया है, क्योंकि संख्याओं और तकनीकी शब्दों को याद रखना मुश्किल होगा।