14 अक्टूबर को अमावस्या के दिन सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। भारतीय समयानुसार, सूर्यग्रहण रात 8 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर अगले दिन 15 अक्टूबर को 2 बजकर 26 मिनट तक रहेगा।
यह सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। इसको अमेरिका, ब्राजील, मैक्सिको और कोलंबिया में दिखेगा।
ग्रहण से पहले सूतक काल लगता है, इस दौरान मंदिर आदि के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस समयावधि में भगवान का स्पर्श नहीं किया जाता है।
हालांकि सूतक कई प्रकार का होता है और इसकी समयावधि भी अलग-अलग होती है। बच्चे के जन्म के समय, किसी के मृत्यु के बाद भी सूतक माना जाता है।
बच्चे के जन्म के बाद हवन होने तक सूतक माना जाता है। इसके अलावा किसी की मृत्यु होने पर 13 या फिर 40 दिनों तक सूतक माना जाता है।
सूर्यग्रहण से करीब 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है वहीं चंद्रग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल शुरू हो जााता है।
इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण 29 अक्टूबर को रात 1 बजकर 6 मिनट से शुरू होकर रात 2 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।
ऐसे में 9 घंटे पहले सूतक लगने से 28 अक्टूबर को शाम 7 बजे से कपाट बंद कर दिए जाते हैं। फिर ग्रहण के बाद अगले दिन मंदिर के कपाट खोले जाएंगे।
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