केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लोकसभा में आम बजट पेश करेंगी। वे 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट प्रस्तुत करेंगी।
बजट से जुड़ी ऐसी ही कई रस्में लंबे समय से चली आ रही हैं। जबकि कुछ परंपराओं में बदलाव भी किया गया है। आइए इन सभी चीजों के बारे में विस्तार से जानें।
बजट से पहले हलवा बनाने की रस्म होती है। इस बार यह 24 जनवरी को आयोजित की गई। इसमें जो अधिकारी बजट तैयार करते हैं, उन्हें हलवा परोसा जाता है।
बजट बनाने वाली टीम के अधिकारियों को लोकसभा में बजट पेश होने से पहले वित्त मंत्रालय के बेसमेंट में एक सप्ताह के लिए बंद रखा जाता है। ताकि बजट से जुड़े कोई दस्तावेज लीक न हो।
बजट बनाने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों से मोबाइल फोन भी ले लिए जाते हैं। इस अवधि में उन्हें किसी से मिलने की अनुमति नहीं होती है। वे अपने घर भी नहीं जा सकते हैं।
बजट पहले 28 फरवरी को पेश किया जाता था। बाद में यह परंपरा बदल गई और साल 2017 में मोदी सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 1 फरवरी को बजट पेश किया।
स्वतंत्रता के बाद पहला बजट 26 नवंबर 1947 को पेश किया गया था, जिसे उस दौरान के वित्त मंत्री रहे आरके षनमुखम चेट्टी ने पेश किया था।
साल 2018 तक यह चमड़े के बैग में बजट पेश किया जाता था। 5 जुलाई 2019 को निर्मला सीतारमण ने इस परंपरा को बदल दिया। वे लाल रंग के कपड़े में रखकर बजट के दस्तावेज लेकर संसद में आई थीं।
पहले रेल बजट और आम बजट अलग अलग पेश किया जाता था। साल 1924 से यह परंपरा चली आई, जो 2016 तक बनी रही। इसके बाद रेल बजट को आम बजट के साथ जोड़ दिया गया।
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