Ramadan 2025: रोजे का असली मतलब क्या होता है?


By Farhan Khan06, Mar 2025 06:00 AMjagran.com

रमजान है नेकियों का महीना

रमजानुल मुबारक रहमत, बरकत और नेकियां कमाने वाला महीना हैं। जिस मुसलमान को यह महीना मिल जाए, उसपर अल्लाह की रहमत है।

रमजान में क्या होता है?

जब रमजान आता है, तो जन्नत के सारे दरवाजे खोल दिए जाते हैं। जहन्नम के सभी दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। रमजान के महीने में शैतान को भी बंद कर दिया जाता है।

रोजे का असली मतलब क्या होता है?

आज हम आपको मुफ्ती सईदुज्जफर के जरिए यह जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर रोजे का असली मतलब क्या होता है? आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।

ख्वाहिशों को नियंत्रित करना

रोजा सिर्फ भूखे रहना नहीं है, बल्कि अपनी ख्वाहिशों को नियंत्रित करना होता है। बुराइयों से बचने के साथ ही अपने हर उस गलत काम से बचना है, जिससे अल्लाह नाराज होता है।

कुरान ए पाक की तिलावत करना

मुसलमानों को इस मुकद्दस महीने में ज्यादा से ज्यादा इबादत में मशगूल रहते हुए कुरान ए पाक की तिलावत करना चाहिए।

तरावीह की नमाज पढ़ना है जरूरी

रमजान शुरू होते ही तरावीह की नमाज भी शुरू हो गई है। इस नमाज के पढ़ने का भी सवाब है, इसलिए मुसलमानों को रोजा रखने के साथ ही तरावीह की नमाज भी पढ़ना चाहिए।

रमजान अल्लाह का महीना है

अल्लाह के रसूल ने फरमाया कि शाबान मेरा महीना है और रमजान अल्लाह का महीना है। अल्लाह रोजे का इनाम खुद देगा। यह कमजोर लोगों की मदद का महीना है।

इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com