इन बातों को ध्यान रखने से देवी-देवता होंगे प्रसन्न


By Farhan Khan20, Nov 2023 07:18 PMjagran.com

पूजा-पाठ

पूजा-पाठ को भगवान का आभार प्रकट करने का एक जरिया माना जाता है। इस दौरान दीप जलाना, आरती करना और भोग लगाना भी जरूरी माना जाता है।

भोग लगाना

इन सभी कार्यों बिना कोई भी पूजा अधूरी समझी जाती है। देवी-देवताओं को भोग अर्पित करने के बाद उसी भोग को प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।

बोले ये मंत्र

ऐसे में आइए जानते हैं कि भोग लगाते समय कौन-सा मंत्र बोलना लाभकारी होता है ताकि आपके जीवन में कभी कोई समस्या न आए।

पूजा अधूरी

शास्त्रों में पूजा-अर्चना से संबंधित कई नियम मिलते हैं। वहीं, भोग के बिना कोई भी पूजा अधूरी मानी जाती है।

कई गुना लाभ

ऐसे में यदि आप अपने आराध्य को भोग लगाते समय इस मंत्र का जाप करते हैं, तो इससे पूजा का कई गुना लाभ आपको मिल सकता है।

मंत्र

त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।। इसका अर्थ है कि भगवान हमारा भोग स्वीकार करें और हम पर अपनी कृपा दृष्टि बनाएं रखें।

सात्विक भोजन

भोग हमेशा सात्विक और स्वच्छ तरीके से बना हुआ होना चाहिए। भोग के लिए हमेशा सोने, चांदी, तांबे, या पीतल से बने पात्र का चयन करें।

स्टील या प्लास्टिक से बने बर्तन

भोग लगाने के लिए कभी भी एल्यूमिनियम, लोहे, स्टील या प्लास्टिक से बने बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। भोग लगाने के बाद उसे तुरंत न हटाएं, कुछ देर मंदिर में ही रखा रहने दें।

पढ़ते रहें

अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com