मुसलमान रोजे कब से रखते आ रहे हैं? जानें


By Farhan Khan15, Mar 2024 03:59 PMjagran.com

रमजान का पवित्र महीना

इस साल 11 मार्च से रमजान महीने की शुरुआत हो चुकी है। इस्लाम धर्म में रमजान को सभी महीनों में सबसे पाक और इबादत का महीना माना जाता है।

रोजे रखना

इस्लामिक कैलेंडर के आठवें महीने के बाद रमजान की शुरुआत होती है। रमजान के पूरे महीने मुसलमान रोजा रखते हैं।

रोजे रखने की परंपरा

इस्लाम में रोजा रखने की परंपरा काफी पुरानी है और सालों से लोग रोजा रखते आ रहे हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि रोजा रखने की परंपरा कब शुरू हुई? आइए इसके बारे में जानें।

मक्का मदीना

इस्लाम में रोजा रखने की परंपरा बहुत पुरानी है। सबसे पहले मक्का-मदीना में कुछ विशेष तारीखों में रोजे रखे जाते हैं।

आंशिक रूप से रोजे रखना

लेकिन ये रोजा एक महीने नहीं बल्कि आंशिक रूप से रखे जाते हैं क्योंकि तब इस्लाम में रोजा फर्ज नहीं था। कोई आशूरा रोजा रखता था तो कोई चंद्र महीने की 13, 14 और 15 तारीख को रोजा रखता था।

वर्ष 624 के बाद रोजे फर्ज

फिर पैगंबर मोहम्मद के मक्का-मदीना जाने के बाद वर्ष 624 में कुरान की आयत के जरिए रोजा को फर्ज में शामिल किया गया।

पैगंबर मुहम्मद साहब

इस तरह से रमजान के महीने में रोजा रखना मुसलमानों के लिए अनिवार्य हो गया। पैगंबर मुहम्मद को अल्लाह का दूत माना जाता है।

ऐसे में आप यह जान गए होंगे कि मुसलमान कब से रोजे रखते आ रहे हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com