सनातन धर्म में खरमास का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कि इस महीने की शुरुआत कब होगी और मांगलिक कार्य कब से बंद हो जाएंगे?
वर्तमान में सूर्य देव कुंभ राशि में विराजमान हैं। 14 मार्च 2025 को सूर्य मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में एक महीने रहने के बाद मेष राशि में गोचर करेंगे।
मार्च महीने में सूर्य देव मीन राशि में गोचर करेंगे। इस दिन मीन संक्रांति मनाई जाती है। इसी दिन से खरमास की भी शुरुआत होती है।
मीन संक्रांति के दिन पुण्य काल दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। वहीं, महा पुण्य काल शाम 04 बजकर 29 मिनट से शाम 06 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।
खरमास शुरू होते ही 14 मार्च 2025 से मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। इस बीच मांगलिक कार्य करना वर्जित होगा।
खरमास महीने में सुबह स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल का अर्घ्य देना चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है और कार्य में सफलता के योग बनते हैं।
खरमास महीने में पूजा करते समय ॐ घृणि सूर्याय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं।
अगर आपको कठिन परिश्रम के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है, तो खरमास महीने में सूर्य देव की पूजा करें। ऐसा करने से कार्य में सफलता मिलने लगती है।
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