सनातम धर्म में सुबह और शाम देवी-देवता की पूजा करने का विधान है। पूजा-पाठ को करना जितना आवश्यक माना गया है। उतना जरूरी है पूजा-पाठ के नियमों का पालन करना।
शास्त्रों में देवी-देवता की पूजा करने के कई नियम बताए गए हैं। इन नियमों का पालन नहीं करने से साधक को शुभ फल प्राप्त नहीं होता है और पूजा सफल नहीं होती है।
ऐसे में आइए यह जानते हैं कि पूजा-पाठ करते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ताकि आपसे पूजा के दौरान किसी प्रकार की कोई गलती न हो।
किसी भी देवी-देवता की पूजा शुरू करने से पहले भगवान गणेश को प्रणाम करना चाहिए। मान्यता है कि पूजा शुरू करने से पहले भगवान गणेश को प्रणाम नहीं करने से पूजा सफल नहीं होती है।
इसके अलावा घी का दीपक अपने बाईं तरफ और भगवान के दाएं तरफ रखें। साधक को माथे पर तिलक लगाकर ही पूजा करनी चाहिए।
पूजा हो जाने के बाद शंख या घंटी को बजाने का खास महत्व है। ऐसा माना जाता है कि शंख और घंटी को बजाने से घर और मन स्वच्छ होता है।
पूजा के लिए शाम को भूलकर भी फूल नहीं तोड़ने चाहिए। इसलिए आप संध्या काल से पहले ही फूल तोड़ कर रख लें।
सनातन धर्म में पूजा के दौरान दीपक जलाना अनिवार्य होता है। यदि आप पूजा के दौरान दीपक नहीं जलाते हैं, तो आपको पूजा का शुभ फल नहीं मिलेगा।
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