काला जामुन तब खाया जाता है जब वो पूरी तरह से पक जाता है। इसमें लगभग 80 प्रतिशत पानी और 16 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट शामिल है। जामुन में मध्यम मात्रा में विटामिन सी और काफी मात्रा में पॉलीफेनोल्स और एंटीऑ
आम को फलों का राजा कहते हैं, जिसमें बीटा कैरोटीन, एंटीऑक्सिडेंट, पोटेशियम और मैग्नीशियम होता है। यह न केवल सूजन को कम करता है बल्कि रक्तचाप को भी नियंत्रण में रखता है।
उच्च पानी की मात्रा होने के अलावा, लौकी में विटामिन सी, बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन के, विटामिन ए और विटामिन ई के साथ-साथ आयरन, फोलेट, पोटेशियम, मैंगनीज और घुलनशील फाइबर भी होते हैं।
नारियल पानी में कैलोरी और कार्बोहाइड्रेट की मात्रा बेहद कम होती है। पोटेशियम, सोडियम और मैग्नीशियम युक्त इलेक्ट्रोलाइट्स आपके शरीर को खनिज प्रदान करते हैं और हाइड्रेटेड और स्वस्थ रखने में मदद करते हैं
तुलसी के बीज में आयरन, कैल्शियम, मैग्नीशियम, अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (एएलए) और घुलनशील फाइबर भरपूर मात्रा में होते हैं, जो हाइड्रेशन, रक्त शर्करा के स्तर और पाचन में नियंत्रित रखने में सहायता करता है।
यह न केवल एक शानदार प्रोबायोटिक फूड है, बल्कि यह कैल्शियम और प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत है, जो दांतों और हड्डियों के लिए भी फायदेमंद होता है।
सत्तू प्रोटीन का एक बढ़िया स्त्रोत है, साथ ही इसमें फाइबर की मात्रा भी काफी अच्छी होती है। सत्तू का सेवन कई तरह से किया जा सकता है। सत्तू का रस, सत्तू के लड्डू या फिर पराठे बनाकर सेवन करना।
पारंपरिक समर कूलर कोकम शरबत बदलते मौसम के लिए एक बढ़िया विकल्प है। ये विटामिन ए, विटामिन बी3, विटामिन सी, फोलिक एसिड, कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज और जिंक का समृद्ध स्त्रोत है।
लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।