यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस महीने नें भगवान शिव की पूजा, अर्चना की जाती है। भक्त दूर-दूर से भगवान शिव के मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं।
इस साल सावन महीने में अधिकमास लगा है, जिस कारण सावन दो महीने का है। यह सावन का आखिरी सोमवार है। सावन सोमवार का विशेष महत्व होता है।
इस दिन व्रत भी रहा जाता है, जिससे भक्तों को मनचाहा फल प्राप्त होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
सावन के आखिरी सोमवार के दिन स्नानादि के बाद मधु मिश्रित गंगाजल से भगवान शिव का जलाभिषेक करें। इससे भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
भगवान शिव फूलों से प्रसन्न होते हैं। पूजा करते समय भगवान शिव को भांग, धतूरा, फूल, अखंडित चावल अर्पित करें।
भगवान शिव का जलाभिषेक कच्चे दूध से करें, ऐसा करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
सावन सोमवार के दिन दान का विशेष महत्व है। इसलिए इस दिन पूजा करने के बाद सफेद चीजों का दान करें। इसके लिए दूध,दही और मिश्री आदि का दान कर सकते हैं।
भगवान शिव की पूजा करते समय पचाक्षरी मंत्र 'ऊं नमः शिवाय' का जाप करें। इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें, इससे सभी कष्ट दूर होते हैं।
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