Vat Savitri व्रत में वट वृक्ष की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए?


By Ashish Mishra15, May 2025 12:09 PMjagran.com

वट सावित्री व्रत 2025

सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कि इस दौरान वट वृक्ष की कितनी परिक्रमा करनी चाहिए?

वट सावित्री व्रत कब है?

पंचांग के अनुसार, 26 मई 2025 को वट सावित्री व्रत रखा जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं।

वट सावित्री व्रत शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 26 मई को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 27 मई को सुबह 08 बजकर 31 मिनट पर होगा।

वट सावित्री व्रत पूजा विधि

इस दौरान विधि-विधान से बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। इस दौरान पेड़ के पास कई चीजें अर्पित करके दीपक जलाया जाता है।

वट वृक्ष की कितनी परिक्रमा करें?

वट सावित्री व्रत के दिन वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की 7, 11 या 108 बार परिक्रमा करनी चाहिए। इससे पति को दीर्घायु की प्राप्ति होती है।

मंत्र का जाप करें

वट सावित्री व्रत पर पूजा करते समय अवैधव्यं च सौभाग्यं देहि त्वं मम सुव्रते, पुत्रान् पौत्रांश्च सौख्यं च गृहाणार्घ्यं नमोऽस्तुते मंत्र का जाप करना चाहिए।

इन चीजों का दान करें

वट सावित्री व्रत के दिन सुहाग का सामान, वस्त्र, फल, अनाज, काले चने और शहद का दान करना चाहिए। इससे धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

पति को दीर्घायु की प्राप्ति

इस व्रत के दौरान विधि-विधान से बरगद के पेड़ की पूजा करने से पति को दीर्घायु की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही, परिवार में सुख-समृद्धि का भी आगमन होता है।

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