घड़ी के बिना पुराने समय में कैसे देखते थे टाइम


By Priyam Kumari23, Dec 2024 10:47 AMjagran.com

घड़ी का आविष्कार

घड़ी हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुकी है। आज हम अपने सभी काम घड़ी में दिख रहे समय के हिसाब से ही करते हैं। मार्केट्स में तो अब दीवार पर टंगी घड़ी, हाथ घड़ी और स्मार्ट वॉच भी आ चुके हैं।

पहले कैसे देखा जाता था टाइम?

लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि घड़ी के बिना पुराने समय में लोग टाइम का पता कैसे लगाते थे? नहीं जानते हैं, तो आइए आज हम आपको कुछ पुराने तरीकों के बारे में बताते हैं।

रेत घड़ी

रेत घड़ी को सैंड क्लॉक भी कहा जाता है। इसमें दो बल्बों के बीच एक छोटे-सा छेद होता था और उसकी ऊपरी बल्ब में रेत भरकर उल्टा कर दिया जाता था। रेत गिरने में लगने वाले समय से टाइम का पता लगाया जाता था।

सूर्य की रोशनी

पहले समय के लोग सूरज की रोशनी से समय का पता लगाया करते थे, जिसे सन क्लॉक भी कहा जाता था। जमीन में एक सीधी छड़ को जमीन में गाड़ कर सूर्योदय और सूर्यास्त की छाया के हिसाब से टाइम का अनुमान लगाया जाता था।

प्राकृतिक घटनाएं

पेड़ों की छाया व पशुओं की नींद और जागने के समय से भी टाइम का अंदाजा लगाया जाता था। इसके अलावा, पक्षियों के गाने की आवाज से भी पता लगाया जाता था।

जल घड़ी

पानी के एक बर्तन में छेद करके धीरे-धीरे पानी निकाला जाता था। ऐसा करके बर्तन पर बने निशान से पता लगाया जाता था।

तारे और चंद्रमा

तारों की स्थिति और चंद्रमा की कलाओं को देखकर रात का समय का अंदाजा लगाया जाता था।

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