8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, यह दिन महिलाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से और उन्हें समाज में बराबरी का हक दिलाने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
महिलाएं किसी भी घर, समाज और ऑगर्नाइजेशन की नींव होती हैं, हालांकि दूसरों की केयर करते-करते वह खुद की सेहत का ख्याल नहीं रख पातीं, जिस वजह से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
ऐसे में महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है, क्योंकि स्वस्थ होने पर ही अपनों का ख्याल रख पाएंगी। 30 की उम्र के बाद अक्सर महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होने लगती हैं, ऐसे में 30 की उम्र के बाद महिलाओं को कुछ जरूरी टेस्ट जरूर कराने चाहिए।
महिलाओं को 30 की उम्र के बाद थॉयराइड टेस्ट जरूर करा लेना चाहिए, क्योंकि आजकल की बदलती लाइफस्टाइल में यह समस्या तेजी से बढ़ रही है। इस समस्या में बिना वजह भूख की अधिकता या भूख न लगना, मसल्स पेन की समस्या हो सकती है।
इस उम्र में ब्लड प्रेशर जरूर चेक करा लेना चाहिए, क्योंकि इस समस्या से किडनी और दिल के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है।
बदलती लाइफस्टाइल और खान-पान में बदलाव के चलते आजकल डायबिटीज की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसा में इसका टेस्ट करा लेना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।
हर किसी को साल में एक बार यह चेक अप कराना चाहिए, इससे यह पता चलता कि आपकी लंबाई के अनुरूप आपका वजन सही है या नहीं। महिलाओं के लिए आइडियल बीएमआई 22 होता है, इससे अधिक या कम होने पर स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
अक्सर महिलाएं घर और ऑफिस के काम में इतनी उलझी होती हैं कि उन्हें पता ही नहीं चलता कि वे किस तरह की परेशानी से जूझ रही हैं, ऐसे में 30 की उम्र के बाद डिप्रेशन टेस्ट बहुत जरूरी होता है। इससे डिप्रेशन से बचा जा सकता है।
30 की उम्र के बाद महिलाओं को स्वस्थ रहने के लिए ये टेस्ट जरूर करा लेने चाहिए। लाइफस्टाइल और हेल्थ से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com