सोयाबीन को वेजीटेरियन मीट भी कहा जाता है, क्योंकि इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स की बेहतरीन मात्रा पाई जाती है। इसके नियमित सेवन से सेहत में कई बदलाव होते हैं।
सोयाबीन में मौजूद फाइबर पाचन की गति को धीमा करता है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है। इससे ओवरईटिंग कम होती है और वजन कंट्रोल में रहता है।
शाकाहारियों के लिए सोयाबीन प्रोटीन का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। यह शरीर को आवश्यक अमीनो एसिड देता है, जिससे मसल्स स्ट्रांग बनती हैं और शरीर एनर्जी से भर जाता है।
सोयाबीन में हेल्दी फैट्स और ओमेगा फैटी एसिड्स मौजूद होते हैं, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं। इससे हार्ट अटैक और ब्लड प्रेशर का जोखिम कम हो सकता है।
सोयाबीन कैल्शियम, फास्फोरस और मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है। ये मिनरल्स हड्डियों को मजबूत बनाए रखते हैं और बढ़ती उम्र में होने वाले जोड़ दर्द व ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव में मदद करते हैं।
सोयाबीन एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर है, जो पिगमेंटेशन, झुर्रियों और डलनेस को कम करता है। इसका नियमित सेवन स्किन को ग्लोइंग, स्मूद और यंग बनाता है।
सोयाबीन में पाए जाने वाले फाइटोएस्ट्रोजेन्स महिलाओं में हार्मोन बैलेंस करने में सहायक होते हैं। ये पीरियड संबंधी अनियमितता, मेनोपॉज और मूड स्विंग्स जैसी समस्याओं में राहत दे सकते हैं।
फाइबर रिच होने के कारण सोयाबीन पेट की गंदगी साफ करने में सहायक है। यह कब्ज, गैस और एसिडिटी जैसी परेशानियों को कम करता है और डाइजेशन को सही रखता है।
सोयाबीन को भिगोकर, उबालकर या सब्जी के रूप में खा सकते हैं। हेल्थ से जुड़ी तमाम खबरों को पढ़ते रहने के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ। All Images Credit: Canva