सुपरफूड में शामिल केले को सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। यह स्वाद के लिहाज से भी लोगों को काफी पसंद आता है।
पीला केला जहां हम फल की तरह इस्तेमाल करते हैं, वहीं हरे यानी कच्चे केले को पकाकर खाना पसंद किया जाता है।
हालांकि दोनों का ही स्वाद और टेक्सचर एक दूसरे से काफी अलग है लेकिन दोनों में भी स्टार्च काफी मात्रा में पाया जाता है।
हेल्थलाइन के मुताबिक, दरअसल जब केला पकने लगता है तो इसके अंदर का कार्बोहाइड्रेट कंपोजिशन भी बदलने लगता है।
कच्चे केले में रेसिस्टेंट स्टार्च और डायटरी फाइबर इतना अधिक होता है कि छोटी आंत के लिए इसे पचाना मुश्किल हो जाता है।
लेकिन जैसे जैसे ये पकता जाता है इसमें मौजूद स्टार्च शुगर में तब्दील होता जाता है।
हरे और पीले केले में पोटेशियम, विटामिन बी 6 और विटामिन सी सहित कई पोषक तत्वों की भरमार होती है। इन दोनों ही केलों में कार्ब्स काफी होता है लेकिन प्रोटीन और वसा बहुत कम होते हैं।
ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अगर आप दोनों का लाभ लेना चाहते हैं तो अधपका केला खा सकते हैं जो हल्के हरे और हल्के पीले से हो चुके हैं।
हालांकि अधपका केला सीमित मात्रा में ही खाएं। लाइफस्टाइल से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com