भगवान गणेश की पूजा बुधवार के दिन की जाती है। ऐसे में साधक को भगवान गणेश की पूजा विधि पूर्ण करनी चाहिए।
इसके साथ ही गणेश चालीसा का पाठ कर आरती से पूजा का समापन करना चाहिए।
जो व्यक्ति बुधवार के दिन विधि विधान से भगवान गणेश जी के इन मंत्रों का जाप करता है उस पर बप्पा अपनी कृपा सदैव बनाए रखते हैं।
''जय जय जय गणपति गणराजू । मंगल भरण करण शुभः काजू ॥ जै गजबदन सदन सुखदाता । विश्व विनायका बुद्धि विधाता ॥
वक्र तुण्ड शुची शुण्ड सुहावना । तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन ॥ राजत मणि मुक्तन उर माला । स्वर्ण मुकुट शिर नयन विशाला ॥
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं । मोदक भोग सुगन्धित फूलं ॥ सुन्दर पीताम्बर तन साजित । चरण पादुका मुनि मन राजित ॥
धनि शिव सुवन षडानन भ्राता । गौरी लालन विश्व-विख्याता ॥ ऋद्धि-सिद्धि तव चंवर सुधारे । मुषक वाहन सोहत द्वारे ॥
कहौ जन्म शुभ कथा तुम्हारी । अति शुची पावन मंगलकारी ॥ एक समय गिरिराज कुमारी । पुत्र हेतु तप कीन्हा भारी ॥