आज की खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान के चलते अधिकतर लोग किसी न किसी बीमारी से जूझते ही रहते हैं। इनमें गॉलब्लैडर की बीमारी भी शामिल है। इस स्थिति को पित्त की थैली पथरी भी कहा जाता है।
आज हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताएंगे, जिसे गॉलब्लैडर के मरीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। आइए इन चीजों के बारे में विस्तार से जानें, ताकि आपको सही जानकारी हो सकें।
अगर हम बात करें कि गॉलब्लैडर की समस्या कब होती है, तो इसके बारे में कहा जा सकता है कि जब पित्त में कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन या अन्य तत्व असंतुलित हो जाते हैं, तो यह समस्या जन्म ले सकती है।
गॉलब्लैडर के मरीजों को अपनी डाइट में फाइबर से भरपूर फूड्स शामिल करने चाहिए। इसके लिए आप साबुत अनाज, ब्राउन राइस, ओट्स, दालें, फल और हरी सब्जियां आदि खा सकते हैं।
जो गॉलब्लैडर के मरीज रोजाना टोंड दूध, लो-फैट दही और पनीर का सेवन करते हैं, तो इससे उन्हें राहत मिल सकती है। इनमें कैल्शियम पाया जाता है और कैल्शियम पथरी बढ़ने को बढ़ने नहीं देता।
ऑलिव ऑयल, अलसी के बीज और अखरोट जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड बेस्ड फूड्स में हेल्दी फैट्स पाए जाते हैं, जो गॉलब्लैडर के मरीजों को आराम देने का काम करते हैं।
मेडिकल भाषा में गॉलब्लैडर के मरीजों को सुबह और शाम रोजाना खिचड़ी, दाल-चावल, भुनी या उबली हुई सब्जियां, मूंग दाल का सूप जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए।
हालांकि, गॉलब्लैडर के मरीजों को इन चीजों का सेवन करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप इन्हें लिमिट में ही खाएं। ज्यादा खाने से आपकी सेहत खराब हो सकती है।
लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं। लाइफस्टाइल से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com