सनातन धर्म में चतुर्थी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि गजानन संकष्टी चतुर्थी कब है?
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 24 जुलाई को गजानन संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा।
पंचांग के अनुसार, गजानन संकष्टी चतुर्थी तिथि की शुरुआत 24 जुलाई को सुबह 07 बजकर 30 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 25 जुलाई को सुबह 04 बजकर 19 मिनट पर होगा।
सुबह स्नान करने के बाद वेदी को सजाकर गणेश जी की प्रतिमा रखें। इसके बाद पीले फूल माला अर्पित करके कुमकुम का तिलक लगाएं।
भगवान गणेश की पूजा करते समय मिठाई, मोदक, आदि चीजों का भोग लगाना चाहिए। इससे बप्पा प्रसन्न होते हैं और साधक पर कृपा बनाए रखते हैं।
भगवान गणेश की पूजा में दुर्वा जरूर अर्पित करना चाहिए। बिना दुर्वा के पूजा अंधूरी रह सकती है और उसका फल नहीं मिलता है।
गजानन संकष्टी चतुर्थी पर गणेश जी की पूजा करते समय ॐ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् मंत्र का जाप करना चाहिए।
गणेश जी की पूजा करते समय भूलकर भी तुलसी का उपयोग नहीं करना चाहिए। इसके अलावा, तामसिक चीजों से भी दूरी बनाए रखना चाहिए।
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