एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन 19 मार्च से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। श्रीनगर की फेमस डल झील के किनारे बने इस ट्यूलिप गार्डन में 16 लाख फूल हैं।
ट्यूलिप गार्डन को देखने न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों से लोग आते हैं। इस बार गार्डन में 4 नई प्रजाती के फूल देखने को मिलेंगे जिन्हें नीदरलैंडे्स से लाया गया है।
तकरीबन 30 एकड़ जमीन में फैले इस ट्यूलिप गार्डन में 68 प्रजातियों के फूल हैं। जिसकी सुंगध पूरे वातावरण को महकाए रखती है।
साल 2008 में पहली बार ट्यूलिप गार्डन को लोगों के लिए खोला गया था। उस समय ट्यूलिप गार्डन में सिर्फ 50 हजार ही फूल थे।
यहां अलग-अलग रंगों के 15 लाख ट्यूलिप के अलावा गुलाबी तुरसावा, डैफोडिल, मस्कारा और सिकलेमेन जैसे अन्य दूसरे फूल भी देखने को मिलेंगे।
डल झील के किनारे जबरवन पहाड़ियों के दमन में स्थित यह बाग लगभग 30 हेक्टेयर भूमि में फैला हुआ है।
ये रंग-बिरंगे फूल तीन से पांच हफ्ते तक खिले रहते हैं। इसके लिए साल भर गार्डन में ग्राउंड स्टाफ कड़ी मेहनत करते हैं।
सिराज बाग के नाम से मशहूर गार्डन को 2008 में जम्मू और कश्मीर राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुलाम नबी आज़ाद ने इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन नाम रखा।
ट्यूलिप गार्डन के आकर्षण को बढ़ाने और आरामदायक बनाए के लिए यहां एक ओपन एयर कैफेटेरिया को बगीचे में स्थापित किया गया है, वह आने वाले पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण होगा।