रमजान का पाक महीना खत्म होने में अब एक हफ्ते से भी कम का समय बचा है। रमजान के पाक महीने में लोग अल्लाह की इबादत करते हैं।
अल्लाह की इबादत के साथ ही मुस्लिम लोग अपने घरों और मस्जिद में कुरान शरीफ की तिलावत करते हैं। रमजान में खूब दुआएं मांगनी चाहिए।
रमजान का पाक महीने में अल्लाह के लिए रोजा रखा जाता है। इस दौरान मुस्लिम लोग पूरे दिन भूखे रहते हैं। केवल सहरी और इफ्तार में ही भोजन का सेवन करते हैं।
आज हम आपको बताएंगे कि आखिर कौन-से दो दिन रोजा रखने से गुनाह मिलता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें, ताकि आपको सही जानकारी हो सकें।
इस्लाम धर्म के अनुसार, पैगंबर मोहम्मद साहब ने मुसलमानों को ईद और बकरा-ए-ईद के दिन रोजा रखने से मना किया है। ये 2 दिन रोजा रखना हराम माना गया है।
ईद और बकरा-ए-ईद दोनों ही दिन जश्न मनाने के लिए होते हैं। इसके चलते इन 2 दिनों में रोजा रखने का कबीरा-ए-गुनाह माना गया है।
जो लोग रोजा रखते हैं और जानबूझकर खाना खा लेते हैं। ऐसा करने से रोजा टूट जाता है। इसके अलावा नाक-कान और आंख में दवा डालने से भी रोजा टूट जाता है।
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com