शनिवार के दिन शनि पूजन का विधान है। शनिवार की शाम पीपल के समक्ष सरसों के तेल का दीया जलाते हैं और उनके 108 नामों का जाप करते हैं। उन्हें जीवन में किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता।
इसके अलावा धार्मिक मान्यता के अनुसार उनका कल्याण होने से कोई भी नहीं रोक सकता है। साथ ही कुंडली से शनि दोष भी समाप्त होता है।
ऊँ शनैश्चराय नमः, ऊँ शान्ताय नमः, ऊँ सर्वाभीष्टप्रदायिने नमः, ऊँ शरण्याय नमः, ऊँ वरेण्याय नमः, ऊँ सर्वेशाय नमः, ऊँ सौम्याय नमः, ऊँ सुरवन्द्याय नमः
ऊँ सुरलोकविहारिणे नमः, ऊँ सुखासनोपविष्टाय नमः, ऊँ सुन्दराय नमः, ऊँ घनाय नमः, ऊँ घनरूपाय नमः, ऊँ घनाभरणधारिणे नमः, ऊँ घनसारविलेपाय नमः
ऊँ खद्योताय नमः, ऊँ मन्दाय नमः, ऊँ मन्दचेष्टाय नमः, ऊँ महनीयगुणात्मने नमः, ऊँ मर्त्यपावनपदाय नमः, ऊँ महेशाय नमः, ऊँ छायापुत्राय नमः
ऊँ शर्वाय नमः, ऊँ शततूणीरधारिणे नमः, ऊँ चरस्थिरस्वभा वाय नमः, ऊँ अचञ्चलाय नमः, ऊँ नीलवर्णाय नम:, ऊँ नित्याय नमः, ऊँ नीलाञ्जननिभाय नमः
ऊँ नीलाम्बरविभूशणाय नमः, ऊँ निश्चलाय नमः, ऊँ वेद्याय नमः, ऊँ विधिरूपाय नमः, ऊँ विरोधाधारभूमये नमः, ऊँ भेदास्पदस्वभावाय नमः, ऊँ वज्रदेहाय नमः
ऊँ वैराग्यदाय नमः, ऊँ वीराय नमः, ऊँ वीतरोगभयाय नमः, ऊँ विपत्परम्परेशाय नमः, ऊँ विश्ववन्द्याय नमः, ऊँ गृध्नवाहाय नमः, ऊँ गूढाय नमः
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