सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत को दौरान किन मंत्रों का जाप करना चाहिए?
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद में प्रदोष व्रत 16 सितंबर 2024 को रखा जाएगा। इस दिन साधक भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर सकते हैं।
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 15 सितंबर को शाम 06 बजकर 12 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 16 सितंबर को दोपहर 03 बजकर 10 मिनट पर होगा।
प्रदोष व्रत के दौरान पूजा करते समय मंत्र का जाप करना बेहद शुभ होता है। इससे जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं।
प्रदोष व्रत के दौरान ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् मंत्र का जाप करना चाहिए।
प्रदोष व्रत के दौरान पूजा करते समय करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं, विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो मंत्र का जाप करें।
प्रदोष व्रत पर शिव गायत्री मंत्र ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् का जाप करें। इससे शिव जी प्रसन्न होने लगते हैं।
प्रदोष व्रत के दौरान इन मंत्रों का जाप करने से कार्य में सफलता मिलती है। इसके साथ ही, रुके हुए कार्य होने लगते हैं और व्यक्ति जीवन में खूब तरक्की करता है।
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