इस बार प्रदोष व्रत गुरुवार के दिन पड़ रहा है। आइए जानते हैं कि गुरु प्रदोष व्रत पर किन मंत्रों का जाप करना चाहिए?
पंचांग के अनुसार, 10 अप्रैल 2025 को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। इस दिन पूजा-पाठ करने से जीवन में आने वाले संकट दूर होने लगते हैं।
पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत की शुरुआत 9 अप्रैल को 10 बजकर 55 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 11 अप्रैल को रात 01 बजे होगा।
अक्सर लोग पूजा-पाठ करते समय मंत्र का जाप करते हैं। इससे देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
गुरु प्रदोष पर ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
प्रदोष व्रत के दिन ॐ सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते मंत्र का जाप करने से कार्य में सफलता मिलती है।
गुरु प्रदोष व्रत पर ऊँ क्लीं क्लीं क्लीं वृषभारूढाय वामांगे गौरी कृताय क्लीं क्लीं क्लीं ऊँ नमः शिवाय मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे जीवन में आने वाले संकट दूर होते हैं।
गुरु प्रदोष व्रत पर इन मंत्रों का जाप करने से आर्थिक स्थिति मजबूत होने लगती है। इसके साथ ही, पहले से रुके हुए कार्य होने लगते हैं।
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