भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। इस शुभ अवसर पर भक्ति भाव से भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है।
17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी है। अनंत चतुर्दशी तिथि पर गणेशोत्सव का समापन होता है। इसके साथ ही 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा भी की जाती है।
अनंत चतुर्दशी पर दुर्लभ संयोग बन रहा है। इन संयोग में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
अगर आप अपनी हर इच्छा पूरी करना चाहते हैं, तो पूजा के समय भगवान विष्णु के इन नामों का मंत्र जप अवश्य करें। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
ऊँ श्री प्रकटाय नम:। ऊँ श्री वयासाय नम:। ऊँ श्री हंसाय नम:। ऊँ श्री वामनाय नम:। ऊँ श्री गगनसदृश्यमाय नम:। ऊँ श्री लक्ष्मीकान्ताजाय नम:।
ऊँ श्री प्रभवे नम:। ऊँ श्री गरुडध्वजाय नम:। ऊँ श्री परमधार्मिकाय नम:। ऊँ श्री यशोदानन्दनयाय नम:। ऊँ श्री विराटपुरुषाय नम:। ऊँ श्री अक्रूराय नम:।
ऊँ श्री सुलोचनाय नम:। ऊँ श्री भक्तवत्सलाय नम:। ऊँ श्री विशुद्धात्मने नम :। ऊँ श्री श्रीपतये नम:। ऊँ श्री आनन्दाय नम:। ऊँ श्री कमलापतये नम:।
ऊँ श्री सिद्ध संकल्पयाय नम:। ऊँ श्री महाबलाय नम:। ऊँ श्री लोकाध्यक्षाय नम:। ऊँ श्री सुरेशाय नम:। ऊँ श्री ईश्वराय नम:। ऊँ श्री विराट पुरुषाय नम:।
अपनी हर इच्छा पूरी करने के लिए भगवान विष्णु के इन नामों का जाप अवश्य करें। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com