पीपल को जल देते समय बोलें ये 2 शब्द, हर इच्‍छा होगी पूरी


By Farhan Khan05, Jan 2024 04:00 PMjagran.com

पीपल का वृक्ष

सनातन धर्म में प्रकृति के ऐसे कई पेड़-पौधे, नदियां और पर्वत हैं जिसको धर्म से जोड़ा गया है, जिसको पवित्र माना गया है। इन्हीं में से एक पीपल का वृक्ष है।

शनिवार के दिन दीया जलाना

पीपल का वृक्ष जिसे कभी प्रेत-आत्माओं का तो कभी शनि ग्रह, हनुमान जी,श्री हर‍ि विष्णु और महादेव शिव का निवास माना जाता है। ऐसा कहा जाता है शनिवार के दिन पीपल के सामने दीया जलाने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।

जल चढ़ाना

हिन्दू शास्त्रों के अनुसार शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष पर जल चढ़ाना शुभ फल प्रदान करता है, किन्तु यही कार्य रविवार को किया जाए तो अशुभ होता है। यह दरिद्रता को आमंत्रण भी देता है।

धूप-बत्ती व दीप जलाएं

जल अर्पित करने के बाद जनेऊ फूल व प्रसाद चढ़ाएं। धूप-बत्ती व दीप जलाएं। आसन पर बैठकर या खड़े होकर ये शब्द बोलें।

बोले ये शब्द

मूलतो ब्रह्मरूपाय मध्यतो विष्णुरूपिणे। अग्रत: शिवरूपाय वृक्षराजाय ते नम:

पीपल की एक डाल तोड़ना

जो व्यक्ति पीपल की एक डाल भी तोड़ता या काटता है, उनके पितृ को कष्ट झेलने पड़ते और वंश वृद्धि करने में बाधा आती है।

पीपल वृक्ष की परिक्रमा

पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति पीपल के वृक्ष की परिक्रमा करता है उसकी सर्व मनोकामनाएं पूर्ण होती है, साथ ही शत्रुओं का नाश भी होता है।

पीपल की पूजा

पीपल के वृक्ष की पूजा करने से ग्रह दोष बाधा शांत होती है और काल सर्प दोष, पितृदोष शांत रहते है। ऐसे में पीपल के वृक्ष की जरूर पूजा करें।

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