चाणक्य के अनुसार ऐसे होने चाहिए माता-पिता


By Farhan Khan25, Dec 2023 05:00 PMjagran.com

बच्चों को संस्कार

प्रत्येक मां-बाप चाहते हैं कि वह अपने बच्चों को अच्छे संस्कार सिखाएं, जिससे बड़े होकर बच्चे उनका नाम रोशन करें।

मां बाप का हाथ

आचार्य चाणक्य का कहना है कि कई बार मां-बाप का ही बच्चों को बिगाड़ने में सबसे बड़ा हाथ होता है।

आचार्य चाणक्य

आइए जानते हैं कि परिजनों की वह कौन-सी आदतें हैं, जिन्हें आज ही छोड़ देना चाहिए, वरना आपके बच्चों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

अभद्र भाषा

मां-बाप को अपने बच्चों के सामने कभी भी कड़वी भाषा या अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। क्योंकि जैसा व्यवहार मां-बाप को होता है, बच्चे भी वैसा ही व्यवहार सीखते हैं।

मधुर वाणी

ऐसे में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बच्चों के सामने हमेशा अपनी वाणी मधुर रखें। जिससे आपके बच्चे भी मधुरभाषी बनें।

झूठ बोलना

अगर माता-पिता बात-बात पर झूठ बोलने के आदी हैं, तो यह आदत आपके बच्चों में भी जा सकती है। जो उन्हें भविष्य में नुकसान पहुंचाएगी।

बुरी आदत

ऐसे में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि कोई मां-बाप झूठ बोलते हैं, तो उन्हें आज ही इस आदत को त्याग देना चाहिए, वरना बच्चे भी इस बुरी आदत का शिकार हो सकते हैं।

सम्मान न करना

यदि कोई माता-पिता केवल बच्चों से ही नहीं बल्कि एक-दूसरे से भी सम्मान पूर्वक पेश नहीं आते हैं, तो यही व्यवहार बच्चे भी सीखते हैं। ऐसे में ये आदत छोड़ दें।

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