सनातन धर्म में चंपा षष्ठी का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि चंपा षष्ठी कब है?
पंचांग के अनुसार, इस साल चंपा षष्ठी 7 दिसंबर को मनाई जाएगी। इस दिन व्रत रखने से क्रोध और अहंकार का नाश होता है।
पंचांग के अनुसार, षषष्ठी तिथि की शुरुआत 06 दिसम्बर को दोपहर 12 बजकर 07 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 07 दिसम्बर 2024 को सुबह 11 बजकर 05 मिनट पर होगा।
चंपा षष्ठी के दिन विधि-विधान से भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है। ऐसा करने साधक के जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।
चंपा षष्ठी पर पूजा करते समय शिवलिंग पर गंगाजल और गाय के दूध से अभिषेक करें। ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होते हैं और रुके हुए कार्य होने लगते हैं।
चंपा षष्ठी पर भगवान कार्तिकेय को खीर का भोग लगाएं। इसके बाद इस खीर को गरीब बच्चों में बांट दें। ऐसा करने से संतान प्राप्ति के योग बनते हैं।
चंपा षष्ठी पर गरीब और जरूरतमंद लोगों को वस्त्र और कंबल दान करना चाहिए। इससे जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
चंपा षष्ठी पर तामसिक चीजों जैसे- मांस-मदिरा, लहसुन और प्याज आदि का सेवन करने से बचना चाहिए। इस दिन सात्विक चीजें ही खानी चाहिए।
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