किताबें हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं। किताबों से हमें देश-दुनिया की जानकारी मिलती है और विभिन्न विषयों का ज्ञान हासिल होता है।
हालांकि, डिजिटल युग यानी आज के समय में किताबों में लोगों की रुचि कम हुई है। स्क्रीन पर अधिक समय बिताने से लोगों में नींद की समस्या हो रही है।
भागदौड़ भरी जिंदगी और काम के बोझ के चलते लोग स्ट्रेस का शिकार हो रहे हैं। इस वजह से भी समस्याएं बढ़ रही हैं।
किताबें पढ़ने से दिमाग एक्टिव रहता है। इससे सोचने-समझने की क्षमता विकसित होती है और भूलने की समस्या भी काफी हद तक कम होती है।
अगर नींद की समस्या है तो इससे छुटकारा पाने के लिए रात में मोबाइल से दूरी बनाएं। मोबाइल के विकल्प के रूप में रात में सोने से पहले किताब पढ़ें। इससे नींद अच्छी आती है।
रात में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से इससे निकलने वाली रोशनी आंखों पर बुरा असर डालती है और नींद की समस्या होती है। वहीं, किताबें पढ़ने से यह समस्या नहीं होती है।
ऐसे में किताबों से दोस्ती स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होती है। किताबें पढ़ने से माइंड रिलैक्स होता है और स्ट्रेस दूर होता है।
मोबाइल फोन के आने से लोगों की किताबों पर निर्भरता काफी हद तक कम हुई है। इसलिए किताबें पढ़ने की आदत डालें और रोजाना 10-15 पेज पढ़ें। इससे नींद के साथ-साथ स्वास्थ्य को और भी लाभ मिलेंगे।
नींद की समस्या में किताबें बहुत फायदेमंद होती हैं। ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com