पहाड़ी दालों की बात करें तो यह औषधीय से भरपूर होती है, मौसम बदलने के साथ ही इन दालों की मार्केट में डिमांड भी बढ़ जाती है।
गहथ, तोर, उड़द, काले भट, रयांस, छीमी, लोबिया के अलावा चकराता, जोशीमठ, हर्षिल और मुनस्यारी की राजमा खूब पसंद की जा रही है।
डायटीशियन दीपशिखा के अनुसार, पहाड़ी दाल कोई भी हो वह स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है।
इसके अलावा कार्बोहाइड्रेट और वसा से युक्त तोर से दाल, भरवा परांठे, खिचड़ी आदि पकवान बनाए जाते हैं। जिसे विशेष रूप से सर्दियों में लोग पसंद करते हैं।
गहथ दाल की बात करें तो इसे पहाड़ में गौथ के नाम से जाना जाता है। सर्दी में इसके रस का सेवन करने से काफी लाभ मिलता है।
गहथ दाल पथरी के लिए रामबाण इलाज मानी जाती है।
इसके अलावा पहाड़ी दाल खांसी, जुकाम और डायरिया को ठीक करने में काफी कारगर है। साथ ही इससे डायबिटीज को भी नियंत्रित किया जा सकता है।