एनपीएस प्रणाली भारत में 2004 से लागू की गई थी। इसके तहत लोगों को सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन की व्यवस्था की गई।
यह स्कीम नागरिकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करती है विशेष तौर पर जब उनके पास आय का कोई स्रोत नहीं होता।
हालांकि इसके नियमों में कुछ बदलाव हुआ है, इस नियम में पैसे की निकासी को लेकर कुछ बदलाव किए गए हैं।
पैसे की निकासी को लेकर पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट ऑथोरिटी ने सिस्टेमेटिक लंपसम निकासी (SLW) की सुविधा दी है।
इस नियम के तहत अब ग्राहक अपनी जमा राशि से 60 प्रतिशत तक का हिस्सा मासिक, तिमाही, छमाही, वार्षिक आधार पर निकाल सकते हैं।
इस नियम के तहत ग्राहकों को क्या फायदा होगा इसकी बात करेंगे। अब ग्राहकों को मुचुअल फंड के जैसी निकासी सुविधा दी गई है।
इस नियम के तहत लोग अपनी राशि व्यवस्थित रूप से निकाल सकेंगे। इससे रिटारयमेंट के बाद कितनी राशि कब निकालनी है, यह तय कर सकेंगे।
यह नियम सेवानिवृत्त लोगों को सेवानिवृत्ति के बाद की आय बढ़ाने और नियमित खर्चों को कवर करने की अनुमति देता है।
यह उन लोगों के लिए फायदे का सौदा होगा जो रिटायॉरमेंट के बाद आय के स्रोत में वृद्धि करना चाहते हैं।
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