सनातन धर्म में प्रदोष व्रत को बेहद शुभ माना जाता है। यह व्रत भगवान शंकर की पूजा के लिए समर्पित है।
इस महीने यह उपवास 21 अप्रैल, 2024 दिन रविवार यानी आज रखा जाएगा। इस बार का प्रदोष व्रत काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
प्रदोष व्रत के दौरान एक नहीं कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जिससे व्रत का महत्व दोगुना बढ़ गया है।
ऐसे में अगर इस शुभ मौके पर शिव कवच का पाठ किया जाए, तो जीवन में आने वाले सभी संकटों से सुरक्षा होगी। आइए इसके बारे में जानें।
वज्र-दंष्ट्रं त्रि-नयनं काल-कण्ठमरिन्दमम् । सहस्र-करमत्युग्रं वंदे शंभुमुमा-पतिम् ॥
मां पातु देवोऽखिल-देवतात्मा, संसार-कूपे पतितं गंभीरे । तन्नाम-दिव्यं वर-मंत्र-मूलं, धुनोतु मे सर्वमघं ह्रदिस्थम् ॥
सर्वत्र मां रक्षतु विश्व-मूर्तिर्ज्योतिर्मयानन्द-घनश्चिदात्मा । अणोरणीयानुरु-शक्तिरेकः, स ईश्वरः पातु भयादशेषात् ॥
यो भू-स्वरूपेण बिभात विश्वं, पायात् स भूमेर्गिरिशोऽष्ट-मूर्तिः । योऽपां स्वरूपेण नृणां करोति, सञ्जीवनं सोऽवतु मां जलेभ्यः ॥
अगर आप भी जीवन में सदैव खुशहाली चाहते हैं तो इस कवच का पाठ अवश्य करें। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com