अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसे कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जानते हैं।
शरद पूर्णिमा का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ चंद्रमा की पूजा की जाती है।
इस दिन कुछ लोग उपवास भी रखते हैं। इस दिन व्रत का पालन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन कुछ नियमों का पालन करना चाहिए।
इस दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान रुष्ट होते हैं। इसके अलावा इस दिन शराब का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
इस दिन परिवार के सदस्यों से किसी भी तरह का मनमुटाव न रखें। किसी से भी वाद-विवाद की स्थिति न होनें दें।
आज के दिन कोई शुभ काम करने से बचें। आज के दिन चंद्रग्रहण है, इसलिए शुभ काम न करें।
शरद पूर्णिमा के दिन बाल और नाखून काटने से बचना चाहिए। इस दिन ये काम करने से नकारात्मकता आती है।
इस दिन गंगा में स्नान करना बेहद शुभ माना जाता है। इसके साथ ही इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
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