पौष पूर्णिमा के 4 संयोग में करें पूजा, नहीं होगी धन-धान्य की कमी


By Ashish Mishra25, Jan 2024 01:42 PMjagran.com

पौष पूर्णिमा

हिंदू धर्म में पौष पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस दौरान शुभ संयोग भी बन रहा है। आइए जानते हैं कि इस संयोग में पूजा करने का क्या महत्व होता है।

चंद्रमा को प्रिय

पूर्णिमा तिथि चंद्रमा को बेहत प्रिय है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का पूरा आकार दिखाई देता है। इस स्नान-दान का भी विशेष महत्व होता है।

कब है शुभ अदंभुत संयोग

पौष पूर्णिमा पर अभिजीत मुहूर्त 25 जनवरी को 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहा। वहीं, सुबह 7:30 प्रीति योग शुरू हुआ जो 26 जनवरी को 07:42 मिनट तक रहेगा।

मंगल कार्य करना

इस काम को करने के लिए प्रीति योग बेहद शुभ माना जाता है। इस शुभ योग में आप नए काम, प्रोजेक्ट और गृह प्रवेश कर सकते हैं। वैवाहिक कार्य करना भी उत्तम माना जाता है।

चंद्रमा की पूजा करना

पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करना शुभ माना जाता है। 25 जनवरी को शाम 5 बजकर 29 मिनट पर चंद्रोदय होगा। इस दौरान चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।

सूर्य को जल देना

पौष पूर्णिमा के दिन सूर्य को अर्घ्य देना अच्छा माना जाता है। इसके लिए आप 25 और 26 की सुबह सूर्य को अर्घ्य दे सकते हैं। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य मजबूत होंगे।

आर्थिक तंगी से छुटकारा

धन से जुड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं तो पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रमा और सूर्य की पूजा करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होने लगती हैं और धन से प्राप्ति के योग बनते हैं।

दान करना

पौष पूर्णिमा के दिन दान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन कपड़ें, तिल और गुड़ का दान करना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।

पढ़ते रहें

अध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ