हिंदू धर्म में पौष पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है। इस दौरान शुभ संयोग भी बन रहा है। आइए जानते हैं कि इस संयोग में पूजा करने का क्या महत्व होता है।
पूर्णिमा तिथि चंद्रमा को बेहत प्रिय है। पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का पूरा आकार दिखाई देता है। इस स्नान-दान का भी विशेष महत्व होता है।
पौष पूर्णिमा पर अभिजीत मुहूर्त 25 जनवरी को 12 बजकर 12 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक रहा। वहीं, सुबह 7:30 प्रीति योग शुरू हुआ जो 26 जनवरी को 07:42 मिनट तक रहेगा।
इस काम को करने के लिए प्रीति योग बेहद शुभ माना जाता है। इस शुभ योग में आप नए काम, प्रोजेक्ट और गृह प्रवेश कर सकते हैं। वैवाहिक कार्य करना भी उत्तम माना जाता है।
पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करना शुभ माना जाता है। 25 जनवरी को शाम 5 बजकर 29 मिनट पर चंद्रोदय होगा। इस दौरान चंद्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।
पौष पूर्णिमा के दिन सूर्य को अर्घ्य देना अच्छा माना जाता है। इसके लिए आप 25 और 26 की सुबह सूर्य को अर्घ्य दे सकते हैं। ऐसा करने से कुंडली में सूर्य मजबूत होंगे।
धन से जुड़ी समस्या का सामना कर रहे हैं तो पौष पूर्णिमा के दिन चंद्रमा और सूर्य की पूजा करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होने लगती हैं और धन से प्राप्ति के योग बनते हैं।
पौष पूर्णिमा के दिन दान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन कपड़ें, तिल और गुड़ का दान करना चाहिए। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
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