सनातन धर्म में अन्नपूर्णा जयंती का विशेष महत्व होता है। इस दिन अन्न की देवी अन्नपूर्णा माता की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि अन्नपूर्णा जयंती कब है?
पंचांग के अनुसार, इस साल 15 दिसंबर को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाएगी। इन दिन अन्नपूर्णा माता की पूजा करने से जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 14 दिसंबर को शाम 04 बजकर 58 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 15 दिसंबर को दोपहर 02 बजकर 31 मिनट पर होगा।
अन्नपूर्णा जयंती पर दुर्लभ शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस योग में मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करना शुभ होता है। इससे अन्न में वृद्धि होती है।
अन्नपूर्णा जयंती पर सुबह स्नान करने के बाद चूल्हे पर कुमकुम, चावल और फूल चढ़ाएं और धूप जलाकर मां अन्नपूर्णा से अन्न और धन प्राप्ति की कामना करें।
अन्नपूर्णा जयंती पर गाय की सेवा करें और उसे हरा चारा खिलाएं। ऐसा करने से अन्नपूर्णा माता प्रसन्न होती हैं और साधक के जीवन में धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
अन्नपूर्णा जयंती पर गरीब और जरूरतमंद लोगों को अन्न दान करें। ऐसा करने से घर में अन्न की कमी नहीं होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
अगर आप धन की कमी का सामना कर रहे हैं, तो अन्नपूर्णा जयंती पर गरीबों को धन और अन्न का दान करें। ऐसा करने से आर्थिक तंगी दूर होने लगती है।
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